And if you feel from core of your heart that views expressed by Sri Kamlesh ji are acceptable , please extend wholehearted support to his initiative. He is really devoted and sincere to the cause of bank employees. Wish you all the best.
युवा बैंक कर्मियों की हुंकार का क्या असर है -उसे हाल में तेज़ी से घटने वाली घटनाओं से जोड़ कर देखा जा सकता है, निष्कर्ष निकाले जा सकते हैं । 26 सितम्बर को वी बैंकर्स अनिश्चितक़ालीन हड़ताल की सूचना आईबीए को स्पीड पोस्ट से भेजता है और 27 को नई दिल्ली में मुख्य श्रमायुक्त (केंद्रीय) और वित्त मन्त्रालय के वित्तीय सेवा प्रभाग को देता है और अभूतपूर्व घटनाएँ घटने लगती हैं -IBA एक महीने के तदर्थ वेतन भुगतान का आदेश जारी करती है, इस बार बिना यूएफ़बीयू के कहे पीएलआई पर वार्ता की तिथि निर्धारित कर देती है, बड़े नेता जी यूएफ़बीयू के संयोजक को पत्र लिख कर तदर्थ भुगतान का विरोध किए जाने को कहते हैं और अब ये IBA का प्रपत्र । ध्यान से पढ़िए -भला आईबीए को अकस्मात् अपनी क़ानूनी स्थिति बताने की ज़रूरत क्यों पड़ गयी ? वी बैंकर्स द्वारा अपने स्टेट्मेंट ऑफ़ केस में IBA के अधिकार और पात्रता को जो चुनौती दी गयी है -IBA उससे बचने के लिए कह रही है कि उसे किसी शिकायत, रिट आदि में पार्टी नहीं बनाया जा सकता। यह है आप सबकी धमक । सोशल मीडिया पर सक्रिय महान विद्वानों के द्वारा वितरित ज्ञान से बचिए, ख़ुद इन घटनाक्रमों पर अपने स्वतंत्र मस्तिष्क से सोचिए और समानता और बराबरी हांसिल करने के अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करते हुए अनिश्चितक़ालीन हड़ताल के पक्ष में माहौल बनाने की मुहिम में जुट जाइए ।
So, IBA may be closed down, as IBA itself has admitted that it has no role whatsoever to play in the financial scene of the country.
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