Message copied from Voice Of Retired Bank Employees (VORBE) by Sri Ashis Talapatra on Facebook
IN VIEW OF UFBU'S LETTER NO. 2018/13 , DATED 02-11-2018 , WE REUEST THE JOINT LEADERSHIP OF CBPRO & AIBRF TO TAKE UP THE MATTER WITH UFBU LEADERSHIP SO THAT IBA MAY START NEGOTIATION WITH UIICL ON PRIORITY BASIS TO REMOVE THE DEFECTS OF THE HEALTH INSURANCE SCHEME FOR THE RETIREES. .
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IF NECESSARY , THE CURRENT POLICY MAY BE REPLACED BY A NEW POLICY DURING THE CURRENCY OF THE POLICY.
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WE ARE OF THE VIEW THAT AS THE HEALTH INSURANCE SCHEME IS A PART OF THE RECORD NOTE DATED 25-05-2015 , ANY CHANGE IN THE TERMS OF THE POLICY SHOULD BE APPROVED BY THE PARTIES TO THE CONTRACT.
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.WE APPREHEND FURTHER CURTAILMENT OF EXISTING BENEFIT IN VIEW OF THE EXTENSION OF LAST DATE OF RENEWAL OF THE PRESENT POLICY .
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WE, ONCE AGAIN, REQUEST THE RETIREES' LEADERSHIP TO BE VIGIL AND BE IN CLOSE TOUCH WITH UFBU LEADERSHIP,
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सन्तान के लिए विरासत
मृत्यु के समय, टॉम स्मिथ ने अपने बच्चों को बुलाया और अपने पदचिह्नों पर चलने की सलाह दी, ताकि उनको अपने हर कार्य
में मानसिक शांति मिले।
उसकी बेटी सारा ने कहा, डैडी, यह दुर्भाग्यपूर्ण है किआप अपने बैंक में एक पैसा भी छोड़े बिना मर रहे हैं। दूसरे पिता, जिनको आप भ्रष्ट और सार्वजनिक धन के चोर बताते हैं, अपने बच्चों के लिए घर और सम्पत्ति छोड़कर जाते हैं। यह घर भी जिसमें हम रहते हैं किराये का है।
सॉरी, मैं आपका अनुसरण नहीं कर सकती। आप जाइए, हमें अपना मार्ग स्वयं बनानेदीजिए।
कुछ क्षण बाद उनके पिता ने अपने प्राण त्याग दिये।
तीन साल बाद, सारा एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी में इंटरव्यू देने गई। इंटरव्यू में कमेटी के चेयरमैन ने पूछा, "तुम कौन सी स्मिथ हो?"
सारा ने उत्तर दिया, मैं सारा स्मिथ हूँ। मेरे पिता टॉम स्मिथ
अब नहीं रहे।
चेयरमैन ने उसकी बात काटदी, "हे भगवान! तुम टॉम स्मिथ की पुत्री हो?"
वे कमेटी के अन्य सदस्यों की ओर घूमकर बोले, यह आदमी स्मिथ वह था जिसने प्रशासकों के संस्थान में मेरे सदस्यता फ़ार्म पर हस्ताक्षर किये थे और उसकी संस्तुति से ही मैं वह स्थान पा सका हूँ,
जहाँ मैं आज हूँ। उसने यह सब कुछ भी बदले में लिये बिना किया था। मैं उसका पता भी नहीं जानता था और वह भी मुझे कभी नहीं जानता था। पर उसने मेरे लिए यह सब किया था।
फिर वे सारा की ओर मुड़े, मुझे तुमसे कोई सवाल नहीं पूछना है। तुम स्वयं को इस पद पर चुना हुआ मान लो। कल आना, तुम्हारा
नियुक्ति पत्र तैयार मिलेगा।
सारा स्मिथ उस कम्पनी में कॉरपोरेट मामलों की प्रबंधक बन गई। उसे ड्राइवर सहित दो कारें, ऑफिस से जुड़ा हुआ डुप्लेक्स मकान और एक लाख पाउंड प्रतिमाह का वेतन अन्य भत्तों और ख़र्चों के साथ मिला।
उस कम्पनी में दो साल कार्य करने के बाद, एक दिन कम्पनी
का प्रबंध निदेशक अमेरिका से आया। उसकी इच्छा त्यागपत्र
देने और अपने बदले किसी अन्य को पद देने की थी। उसे एक ऐसे व्यक्ति की आवश्यकता थी जो बहुत सत्यनिष्ठ (ईमानदार) हो।
कम्पनी के सलाहकार ने उस पद के लिए सारा स्मिथ को नामित किया।
एक इंटरव्यू में सारा से उसकी सफलता का राज पूछा गया। आँखों में आँसू भरकर उसने उत्तर दिया, मेरे पिता ने मेरे लिए मार्ग
खोला था। उनकी मृत्यु के बाद ही मुझे पता चला कि वे वित्तीय दृष्टि से निर्धन थे, लेकिन प्रामाणिकता, अनुशासन और सत्यनिष्ठा में वे बहुत ही धनी थे।
फिर उससे पूछा गया कि वह रो क्यों रही है, क्योंकि अब वह बच्ची नहीं रही कि इतने समय बाद पिता को अभी भी याद करती हो।
उसने उत्तर दिया, मृत्यु के समय, मैंने ईमानदार और प्रामाणिक होने के कारण अपने पिता का अपमान किया था।
मुझे आशा है कि अब वे अपनी क़ब्र में मुझे क्षमा कर देंगे। मैंने यह सब प्राप्त करने के लिए कुछ नहीं किया, उन्होंने ही मेरे लिए यह सब किया था।
अन्त में उससे पूछा गया, क्या तुम अपने पिता क पदचिह्नों पर चलोगी जैसा कि उन्होंने कहा था?
उसका सीधा उत्तर था, मैं अब अपने पिता की पूजा करती हूँ, उनका
बड़ा सा चित्र मेरे रहने के कमरे में और घर के प्रवेश द्वार पर लगा है। मेरे लिए भगवान के बाद उनका ही स्थान है।
क्या आप टॉम स्मिथ की तरह हैं? नाम कमाना सरल नहीं होता।
इसका पुरस्कार जल्दी नहीं मिलता, पर देर सवेर मिलेगा ही। और वह हमेशा बना रहेगा।
*ईमानदारी, अनुशासन, आत्मनियंत्रण और ईश्वर से डरना ही किसी व्यक्ति को धनी बनाते हैं,*
*मोटा बैंक खाता नहीं।*
*अपने बच्चों के लिए एक अच्छी विरासत छोड़कर*
*जाइए।*
समाज में बदलाव लाने के
लिए कृपया इस सत्य घटना
को अपने प्रिय व्यक्तियों
के साथ साझा कीजिए।
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*भीतर के "मैं" का मिटना ज़रूरी है*
*सुकरात समुन्द्र तट पर टहल रहे थे| उनकी नजर तट पर खड़े एक रोते बच्चे पर पड़ी* |
*वो उसके पास गए और प्यार से बच्चे के सिर पर हाथ फेरकर पूछा , -''तुम क्यों रो रहे हो*?''
*लड़के ने कहा- 'ये जो मेरे हाथ में प्याला है मैं उसमें इस समुन्द्र को भरना चाहता हूँ पर यह मेरे प्याले में समाता ही नहीं* |''
*बच्चे की बात सुनकर सुकरात विस्माद में चले गये और स्वयं रोने लगे* |
*अब पूछने की बारी बच्चे की थी* |
*बच्चा कहने लगा- आप भी मेरी तरह रोने लगे पर आपका प्याला कहाँ है*?'
*सुकरात ने जवाब दिया- बालक, तुम छोटे से प्याले में समुन्द्र भरना चाहते हो,और मैं अपनी छोटी सी बुद्धि में सारे संसार की जानकारी भरना चाहता हूँ* |
*आज तुमने सिखा दिया कि समुन्द्र प्याले में नहीं समा सकता है , मैं व्यर्थ ही बेचैन रहा* |''
*यह सुनके बच्चे ने प्याले को दूर समुन्द्र में फेंक दिया और बोला- "सागर अगर तू मेरे प्याले में नहीं समा सकता तो मेरा प्याला तो तुम्हारे में समा सकता है* |
*"इतना सुनना था कि सुकरात बच्चे के पैरों में गिर पड़े और बोले*" *बहुत कीमती सूत्र हाथ में लगा है"*
*हे परमात्मा ! आप तो सारा का सारा मुझ में नहीं समा सकते हैं पर मैं तो सारा का सारा आपमें लीन हो सकता हूँ* |"
*ईश्वर की खोज में भटकते सुकरात को ज्ञान देना था तो भगवान उस बालक में समा गए* |
*सुकरात का सारा अभिमान ध्वस्त कराया* | *जिस सुकरात से मिलने को सम्राट समय लेते थे वह सुकरात एक बच्चे के चरणों में लोट गए थे* |
*ईश्वर जब आपको अपनी शरण में लेते हैं तब आपके अंदर का "मैं " सबसे पहले मिटता है* |
*या यूँ कहें....जब आपके अंदर का "मैं" मिटता है तभी ईश्वर की कृपा होती है* |
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Doesn't look like a piece from a union but by a subordinate to his boss, simply imploring in context and substance. God only can save bank employees.
ReplyDeletethere are people in india who may not read,write or conversant with hindi language particularly many of the bank retirees so at least post english translation if the post pertains to pension revision or pension related matters.Kindly pay attentoion to sufferings and financial losses suffered by the optees under second option under ix bipartiate settlement. In spite of repayment to the bank banks contribution to pf with interest and contribution to pension fund they are being discrimanated with normal optees.Their pension commences from 27.11.2oo9 even though they might have retired much earlier.They are denied DA arrear 1616-1684 .Their pension restoration is not effected after 15 years from the date of retirement in case of commutation.In my case i retired in june 2002 i opted under second option my pension commenced from 29.11.2009. i have not received da difference 1616-1684 my date of pensiion restoration fixed on 31.03.2026. instead of june 2017. please advise which will help many other suffers.regards
ReplyDeleteThanks for share this page
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